द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र का रचयिता आदि शङ्ककराचार्य । हालांकि, इस स्तोत्र का उल्लेख प्राचीन हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है और इसे भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों को समर्पित किया गया है। यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा और उनके ज्योतिर्लिंगों की महत्ता को वर्णित करता है। यह स्तोत्र सभी शिव भक्तों द्वारा प्रेम और भक्ति से पढ़ा जाता है। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र एक प्रसिद्ध हिंदू धर्म स्तोत्र है जिसमें बारह ज्योतिर्लिंगों की महिमा का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र का उद्देश्य भगवान शिव की जय-जयकार करना होता है और उनकी भक्ति करना होता है। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र में बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम हैं और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। ये ज्योतिर्लिंग भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं और उनकी विशेषताएं भी अलग-अलग हैं। इन ज्योतिर्लिंगों को दर्शन करने से मान्यता है कि भक्त की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र का पाठ करने से शिवभक्तों को शांति, समृद्धि, सुख और सफलता मिलती है। यह स्तोत्र शिव के भक्तों द्वारा नियमित रूप से पाठ किया जाता है।
Pages | 2 |
Files Size | 386KB |
Auther/publisher | www.stotracollection.com |
Categories | stotram |
Language | Hare |
Source link | Hare |