शंकराचार्य भारतीय धर्म के एक महान आचार्य थे। वे वेदांत दर्शन के प्रवर्तक थे और उन्होंने अपने जीवनकाल में वेदांत के सिद्धांतों को लोगों के बीच फैलाने में अहम भूमिका निभाई। शंकराचार्य ने वेदांत के तीन ग्रंथों का विस्तृत टीका लिखी थी, जिनमें उन्होंने अपने समय के वैदिक विद्वानों के विवादों का समाधान किया था। उन्होंने मोक्ष के लिए ज्ञान की महत्वता बताई और सांसारिक जीवन के संबंध में भी अपनी विचारधारा प्रस्तुत की। शंकराचार्य की बहुत सी रचनाओं और उनके सिद्धांतों का महत्व आज भी बरकरार है। उनके सिद्धांतों के आधार पर ही वेदांत एक महत्वपूर्ण दर्शन है जो विश्वव्यापी रूप से स्वीकार किया जाता है।
Stotrams Name | Books Name |
---|---|
Bhaja Govindam | Atma Bodha |
Kanakadhara Stotram | Tattva Bodha |
Dakshinamurthy Stotram | Vivekachudamani |
Soundarya Lahari | Aparokshanubhuti |
Nirvana Shatakam | Upadesha Sahasri |
Shivananda Lahari | Dakshinamurti Stotra |
Vishnu Sahasranama Stotram | Siddhi Lakshmi Stotram |
Lalita Sahasranama Stotram | Bhavani Ashtakam |
Devi Aparadha Kshamapana Stotram | Ganesha Pancharatnam |
Guru Ashtakam | Hastamalaka Stotram |