षड् दर्शन (Shad Darshan) संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “छह दर्शन” या “छह दृष्टिकोण”. यह दर्शन भारतीय दर्शन शास्त्र में सम्मिलित हैं और वे छः दिव्य दृष्टिकोण हैं जो धर्म और ज्ञान के परम्परागत पक्षों को व्यक्त करते हैं। ये दर्शन सिद्धान्त, तत्वज्ञान, अद्वैत वेदान्त, विशिष्टाद्वैत, द्वैत, सांख्य, योग और पूर्व मीमांसा को सम्मिलित करते हैं। ये छः दर्शन भारतीय दार्शनिकों द्वारा विकसित किए गए हैं और धार्मिक एवं दार्शनिक संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से माने जाते हैं। इनमें से प्रत्येक दर्शन अपने स्वतंत्र विचारधारा, सिद्धान्त और प्रयोग के लिए प्रसिद्ध हैं। ये दर्शन भारतीय दर्शन शास्त्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और योग्यता के आधार पर उन्हें पने पढाने वाले और उन पर अध्ययन करने वाले लोग इन्हें अपना संपूर्ण समझने की कोशिश करते हैं।
षड् दर्शन |
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न्यायदर्शन (Nyaya) |
वैशेषिकदर्शन (Vaisheshika) |
सांख्यदर्शन (Samkhya) |
योगदर्शन (Yoga) |
मीमांसादर्शन (Mimamsa) |
वेदान्तदर्शन (Vedanta) |