ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह प्रमुख मंदिरों को कहा जाता है। ये अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं और शिव के भक्तों के लिए धार्मिक महत्व रखते हैं। निम्नलिखित हैं ज्योतिर्लिंग स्तुति के पंद्रह श्लोकों की सूची है। यह स्तुति ज्योतिर्लिंगों के अनुयायियों द्वारा बड़ी श्रद्धा से रची जाती है और इन्हें दर्शन करने से शिव के भक्तों को बड़ी आनंद की अनुभूति होती है।
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥ १ ॥
परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥ २ ॥
वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।
हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥ ३ ॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥ ५ ॥
Pages | 1 |
Files Size | 163KB |
Auther | stotracollection.com |
Categories | shiva Stotram |
Language | Sanskritam |
Source link | Hare |