Srimad Bhagawat Geeta With Hindi
“श्रीमद्भगवत् गीता” महाभारत के भीष्म पर्व का अंग है। भीष्म पर्व में ही गीता को सर्वशास्त्रमयी कहा गया है। महाभारतकार का अभिप्राय है कि गीता में सर्वशास्त्रों का निष्कर्ष निहित है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि गीता में वेदों का भी सार निहित है, किन्तु यह प्रमाण पुष्ट नहीं है। अतः गीता के पाठकों को गीता के स्वतन्त्र ग्रन्थ होने और इसमें वेदों का सार निहित होने की भ्रान्ति अपने मन से निकाल देनी चाहिये। भीष्म पर्व में गीता के महत्व को बतलाते हुए यह भी कहा गया है कि जिसने गीता का सम्यक् अध्ययन कर लिया, उसे अन्य शास्त्रों के पचड़े में पड़ने की फिर आवश्यकता नहीं होती। बुद्धिमान् एवं विद्वान् पाठक इस कथन पर स्वयं ही विचार कर अपना निष्कर्ष निष्पन्न करें तो उपयुक्त होगा ।
Pages | 428 |
Files Size | 50.7MB |
Auther | Gita Translator – Ashok Kaushik |
Categories | Bhagwad Geeta |
Language | Sanskrit, Hindi and English |
Source | Hare |