जातकर्म संस्कार विधि
जातकर्म संस्कार हिंदू धर्म के संस्कारों में चौथा संस्कार है। यह संस्कार गर्भवती बच्चे के जन्म के बाद किया जाता है । बच्चे के जन्म के बाद की जाने वाली प्रमुख क्रिया को ‘जातकर्म’ कहा जाता है। जातकर्म संस्कार नवजात शिशु के दैवीय संसार से संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है। इस संस्कार का मुख्य उद्देश्य बालक को दैवीय लोक के करीब लाना और दीर्घकाल तक इस संसार में धर्म और मर्यादा की रक्षा करते हुए । परमपिता ब्रह्माजी की रचना से भली-भांति परिचित कराना और उसका आनंद उठाना है।
Pages | 3 |
Files Size | 2.00MB |
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Categories | 16 Sanskar Vidhi |
Language | Sanskrit, Hindi |
Source link | Hare |